Wednesday, May 31, 2017

दलित संघर्ष

जिन को संविधान लिखने के लिए अग्रिमता दी और जिनके लिखे संविधान पर चल रहे भारत देश मे अब उनके नाम पर एक ओर नक्सलवादी नस्ल पैदा होने जा रही है और ताज्जुब की बात तो ये है कि जिस कानून के रक्षक पुलिसवालो को ये दौड़ा दौड़ा कर पिट रहे है वो कानून और सरकार का उन्हें खुल्ला समर्थन मिल रहा है । इन्होंने अपने कार्य की शुरुआत हिन्दू शिरोमणि वीर महाराणा प्रतापसिंह के जन्मदिन पर निकली रैली पर पत्थर बरसाके शुरू की देश के एक राज्य के एक कोने से ओर फिर वो दिल्ही आते है और फिर से अपनी खोखली दबंगाई दिखाने वहा भी धमाल करते है और कहते है कि ये संगठन सामाजिक उत्थान के लिए बना है । अब जिनके विचारो में ही हिंसा भरी हुई है और शुरुआत भी अराजकता के सर्जन से करते है वो क्या समाज का उत्थान करेंगे ??? हकीकत में उनकी ये हरकत सिर्फ और सिर्फ देश मे हिंसक अराजकता फैलाने के हेतु है ।
सरकार की खामोशी ओर समर्थन आनेवाले समय मे देश के लिए एक जहरीले साँप को दूध पिलाने का काम कर रहा है जो देश के लिए हानिकारक साबित होगा । सामाजिक अराजकता ओर संघर्ष की नींव रखी जा रही है ऐसे संगठनो को समर्थन करके ।
। वीर ।

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