किसी भी समाज का विकास उसकी वैचारिक परिपक्वता पर आधारित होता है इसलिए अगर किसी भी समाज को बदलते समय के साथ अपने समाज को एक विकसित समाज के रूप में स्थापित करना है तक उनको पहले वैचारिक स्तर पर बदलाव लाना होगा । आपका व्यवहार, आपकी भाषा और आपके विचार आपके समाज को अन्य समाज के सामने प्रस्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है । बदलाव को इग्नोर करके अगर आप अपने जड़ विचारो के साथ आगे बढ़ेंगे तो बेसक आपको ओर आपके समाज को संघर्ष में उतारना पड़ेगा और यही संघर्ष आपको ओर आपके समाज को अन्य से दूर ही ले जाएगा ।
। वीर ।
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