Wednesday, May 31, 2017

वर्तमान समय मे जिस प्रकार सामाजिक और राजकीय समीकरण बन रहे है और जो हालात है उसे देखने के बाद भविष्य कुछ इस तरह होगा ।
समाज दो विभाग में पूरी तरह विभाजित ही जायेगा जिसमे एक तरफ होंगे सवर्ण ज्ञाति के लोको ओर दूसरी ओर बची सारी जाती । इन दोनों के बीच बडा ओर लंबा वर्ग विग्रह होगा । जिसमें सवर्ण अपनी लायकात ओर कैपिबिलिटी को हथियार बनाकर जबकि सामने की ओर से उन्हें मिलने वाले सवैधानिक हको को अपना हथियार बनाएंगे । एक लंबे विग्रह के बाद आखिर में सवर्णो की जीत होगी और सर्व समानता के आधार पर एक नया संविधान लिखा जाएगा लेकिन जैसा कि हर सिस्टम में कोई कमी होती है ऐसे ही कुछ सवर्ण जातिया फिर से मध्यकालीन भारत का परिचय कराते हुये शुद्रों पर अत्याचार करेंगे ।
आगे चलके उन सवर्ण ज्ञाति ओ के बीच मे अपने आपको सर्व श्रेष्ठ साबित करने की होड़ लगेगी और उसमें से एक ओर वर्ग विग्रह पैदा होगा जो सवर्ण ज्ञाति ओ के अंदर ही अंदर होगा जिसमे एक तरफ राजपूत, ब्राह्मण, ओर चारण होंगे और दूसरी ओर बाकी सब सवर्ण ज्ञाति होगी । राजपूत, ब्राह्मण और चारण अपनी लायकात ओर धर्म आधारित नीति नियमो ओर प्रजा कल्याण के विचारो को हथियार बनाएगी वही दूसरी ओर बाकी की सवर्ण ज्ञातिया सत्ता और सम्पति के आधार पर अपने आपको सर्व श्रेष्ठ साबित करने की कोशिश करेगी ।
आखिर में धर्म और नीति की जीत होगी और का चारणों की मदद से ब्राह्मण क्षत्रिय का राजतिलक करके भारत की सत्ता के साथ देश और प्रजा कल्याण की जिम्मेदारी के साथ क्षत्रिय को सत्ता पर बिठाएंगे । ओर फिर से भारत विश्व के महानतम देशो में अपना आधिपत्य स्थापित करेगा ।
ये सारी घटनाये आनेवाले 100 से 150 सालो में घटेगी ओर हो सकता है कि इससे कम समय मे भी
बाबा विरम देव की जय हो ।

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