सेल्स & मार्केटिंग ।
वैसे ये subject के बारे में लिखने का दुःसाहस कर रहे है क्योंकि ना हमने mba किया है या नाही कोई मार्केटिंग का course इसलिए इस विषय पर लिखना बस एक बालीस प्रयास होगा ।
वैसे तो ये दो शब्द अलग अलग है लेकिन एक दूसरे के पर्याय है । आप आपकी कोइ चीज बेचने हेतु ही उसका मार्केटिंग करते हो या मार्केटिंग करोगे तो आपकी वस्तु या प्रोडक्ट बिकेगी ।
जनरली जब हम किसी कस्टमर के पास जाते है तो एक ही काम करते है और वो ये की हम हमारी प्रोडक्ट को सबसे श्रेष्ठ बताते है । और इसी कारण कभी कभी हम कुछ ज्यादा ही बता देते है मतलब की जो रियल में प्रोडक्ट होती ही नही वो भी घुसेड़ देते है बिना ये जाने की सामने वाला कस्टमर इसी टाइप की प्रोडक्ट के बारे में क्या जानता है या टेक्निकल नॉलेज कितना है और इसकी वजह से कभी कभी हम फस जाते है अगर सामने से कोई ऐसा सवाल आता है जिसका जवाब हमारी कैपिसिटी के बाहर होता है और परिणाम ये आता है कि हम उस कस्टमर को कन्विंस नही कर पाते है । कभी कभी कस्टमर हमारी बताई हुई खासियत में से ही सवाल खड़े कर देते है प्रोडक्ट के बारे में जिसका जवाब हमारे पास नही होता । ये तरीका उसी जगह काम आ सकता है जहाँ कस्टमर उस प्रॉडक्ट में नया हो या फिर उसके पास टेक्निकल नॉलेज ना हो लेकिन ये जान ने के लिए शर्त ये है कि पहले आप उनको सुनो ओर सबसे बड़ी बात की आपकी प्रोडक्ट की क्वालिटी की जितनी भी बात करो लेकिन एक दो चीज ऐसी भी बताओ जो आपकी प्रोडक्ट में ना हो इससे एक तो अगर वो टेक्निकल नॉलेज होगा तो भी उसके सवाल का जवाब आपके पास होगा और दूसरी बात की उसको आप पर ट्रस्ट भी रहेगा ।
वैसे तो ये दो शब्द अलग अलग है लेकिन एक दूसरे के पर्याय है । आप आपकी कोइ चीज बेचने हेतु ही उसका मार्केटिंग करते हो या मार्केटिंग करोगे तो आपकी वस्तु या प्रोडक्ट बिकेगी ।
जनरली जब हम किसी कस्टमर के पास जाते है तो एक ही काम करते है और वो ये की हम हमारी प्रोडक्ट को सबसे श्रेष्ठ बताते है । और इसी कारण कभी कभी हम कुछ ज्यादा ही बता देते है मतलब की जो रियल में प्रोडक्ट होती ही नही वो भी घुसेड़ देते है बिना ये जाने की सामने वाला कस्टमर इसी टाइप की प्रोडक्ट के बारे में क्या जानता है या टेक्निकल नॉलेज कितना है और इसकी वजह से कभी कभी हम फस जाते है अगर सामने से कोई ऐसा सवाल आता है जिसका जवाब हमारी कैपिसिटी के बाहर होता है और परिणाम ये आता है कि हम उस कस्टमर को कन्विंस नही कर पाते है । कभी कभी कस्टमर हमारी बताई हुई खासियत में से ही सवाल खड़े कर देते है प्रोडक्ट के बारे में जिसका जवाब हमारे पास नही होता । ये तरीका उसी जगह काम आ सकता है जहाँ कस्टमर उस प्रॉडक्ट में नया हो या फिर उसके पास टेक्निकल नॉलेज ना हो लेकिन ये जान ने के लिए शर्त ये है कि पहले आप उनको सुनो ओर सबसे बड़ी बात की आपकी प्रोडक्ट की क्वालिटी की जितनी भी बात करो लेकिन एक दो चीज ऐसी भी बताओ जो आपकी प्रोडक्ट में ना हो इससे एक तो अगर वो टेक्निकल नॉलेज होगा तो भी उसके सवाल का जवाब आपके पास होगा और दूसरी बात की उसको आप पर ट्रस्ट भी रहेगा ।
हम अभी सिख रहे है ये सब ओर हम भी कभी कभी फसे है सुरुआत में ।