Friday, March 24, 2017

मोदी फेमिया

मोदी फेमिया .......
सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक को जाहिर करना, या विदेशो में घूमकर देश का नाम बढाने का दावा करना, इमोशनल होके स्टेज पर रोना या फिर वो मुझे मार डालेंगे ऐसा बयान देकर देश के सैनिक और पुलिस प्रशासन के साथ रक्षा मंत्रालय की काबिलियत पर शक करना, मुझे काट देना, जला देना, फांसी पर लटका देना जैसे भावनात्मक शब्दो द्वारा लोगो की सहानुभूति प्राप्त करना या फिर बिना किसी तयारी के देश के अर्थतंत्र को मुस्किली में धकेल देना ।
ये सारे निर्णय मोदीजी और उनकी सरकार ने सिर्फ कुछ दिनों में ही लिए है । अपनी सत्ता के 3 साल में कुछ ना कर पाए और उन्हें लगने लगा की अब जनता में उनकी मौजूदगी का असर कम होते जा रहा है यो उन्होंने बहोत ही कम समय में कुछ निर्णय ले लिए और वो निर्णय के साथ देशभक्ति को जोड़ दिया । social media और अपने कार्यकर्ता द्वारा इतना और ऐसा प्रसार किया कि कोई आम आदमी अगर उनके निर्णय का विरोध करे तो उसे देशद्रोही का नाम दे दो और बस जनता की भावनाओं को सैन्य के साथ जोड़कर उनके हर निर्णय के साथ सेना का नाम का उपयोग किया गया ताकि कोई आम आदमी अगर उनके किसी भी निर्णय का विरोध करता है तो indirectly वो सेना का विरोध करता नजर आएगा और इसी कारण उनके किसी भी निर्णय का विरोध होना बंद हो गया ।
आखिर ये सब क्यों किया गया। बस phsycology है। जब कोई आदमी या सत्ता किसी किसी मुकाम तक पहोच जाते है या फिर पहोचने का दावा करते है , दिखावा करते है तो लोगो की अपेक्षाएं बढ़ जाती है और जब निर्धारित समय में वो लोग लोगो की अपेक्षाओं के मुताबिक काम नहीं कर पाते तो अपना दिखावा बरक़रार रखने के लिए लोगो को ये अहेसास दिलाना पड़ता है कि वो उनकी अपेक्षाओं के मुताबिक ही काम कर रहे है और इसी हदबड़ाती में वो इसी तरह के निर्णय ले लेते है और फिर उस निर्णय के साथ लोगो की भावनात्मक कमजोरी को जोड़ देते है ।
। जय माताजी ।

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