Saturday, October 26, 2013

Rajputo ki unity hi is desh ko aaj ke dangal se bach sakti hai....desh aaj jin paristhitio se gujar raha hai use dekhte hue ye tay hai ki ab vo vaqt aa gaya hai jab rajputo ko apni talvare fir se uthani hogi......jay mataji .....jay rajputana.....






हिमालय की चोटी पर लहेरते हुए तिरंगे का गुरूर है भगवों....
ओर उसमे जलक रही बलिदानो की पहेचान है भगवों....
भारतीय संस्कृति का प्रतीक है भगवों....
धर्म धरा नि पहेचान से भगवों......
रण मेदाने राजपूतो की ललकार है भगवों.....
करे केशरिया धर्म-धरा काजे ,तब राजपूतो का कफन है भगवों.....
लाज रखने  शान  की,क्षत्रियानी का जौहर है भगवों....
.........................वीर...........................
राजपूत की जिंदगी देश ओर समाज ओर जनता के लिए होती है अगर ये उनके लिए कम नहीं आयी तो एक राजपूत का इस धरती पर जन्म लेना व्यर्थ है...सिर्फ खुदके लिए जीना राजपूती धर्म के खिलाफ है इसलिए जब जहा जरूर पड़े अपनी इस जिंदगी को समाज की एकता ओर विकास के काम मे खर्च करना ही हमारी जिंदगी की सबसे बड़ी सफलता ओर सार्थकता है......जय माताजी....जय राजपूतना........
मै जानता हु आज के टाइम मै किसी के पास टाइम नहीं है,सब अपनी करिएर बनाने मै,तो कुछ अपनी फ़ैमिली की जवाबदारी मै बंधे हुए है ऐसे टाइम मै समाज ओर देश के लिए टाइम निकालना मुश्किल है ओर दूसरी समस्या है आर्थिक सबके पास इतना पैसा तो नहीं है की वो समाज के लिए कुछ भी कर सके...लेकिन क्या सिर्फ इस दो नो कारण से हमारी समाज ओर देश के प्रति जो जवाबदारी है वो खतम हो जाती है....जिसे समाज ने हमे हाम्रा विकास के लिए हर वक़्त सहारा दिया ओर जिस देश की धरती मै हम पैदा हुए है उंसके प्रति हमराई जवाबदारी हम कब निभाएंगे.....?????
Unity is strength......

सब यही कहेते है की एकता मै ताकत है लेकिन एकता बनती कैसे है ये कोई नहीं कहेता है...बहुत कुछ क़ुरबान करना पड़ता है किसी के साथ एक होने के लिए ओर सबसे बड़ी चीज है वो है हमारा मिथ्याभिमान , इगो जो हमे कभी एक नहीं होने देता जब तक हम इनका त्याग नहीं करेंगे तब तक एक नहीं हो पाएंगे ...ओर आज के समय की सबसे बड़ी मांग है वो है एकता...अगर आप ओर आपका समाज संगठित नहीं है तो आप ओरो के सामने तिक नहीं पाओगे...न तो आपका विकास होगा नहीं ही आपके समाज का.....न ही आपकी इज्जत बचेगी नहीं समाज की...आप अपने स्वाभिमान के लिए कभी लड़ नहीं पाओगे...कोई भी एरा गेरा आदमी आपकी इज्जत आपके स्वमान ,आपके समाज आसानी से कीचड़ उसाल सकेगा...जैसे आज के समय मै हो रहा है...कोई भी आपके भव्य ओर गौरवातींत इतिहास को किसी भी रूप मे समाज के सामने रख सकता है....

ये सब इसीलिए हो रहा है क्यूकी हजारो सालो के बाद भी हम एक नहीं हो प रहे है...हमारा मिथ्याभिमान ओर इगो हमे एक नहीं होने देते....हमारा समाज सिक्षित हुआ है लेकिन उसका लाभ समाज को नहीं मिला क्यूकी की आज की यंग जनरेसन ही समाज ओर देश के प्रति अपने कर्तव्य के विमुक्त हो जा रही है....इतिहास बनाना तो दूर की बात है जो है हम उसे बचाने मै भी नाकामियाब साबित हो रहे है......

हमारी इसी कमजोरी की वजह से राजकारण से लगभग राजपूतो को अलग ही कर दिया है सिर्फ गुजरात की बात करे तो पशेले जीतने राजपूतो को विधानसभ की टिकिट मिति थी इनमे से बहोत कम हो गए है ओर दिन प्रति दिन इस संख्या मै कमी होती जा रही है ओर ऐसा इसीलिए हो रहा है क्यूकी सब जानते है की हम क्कभी के होकर लड़ नहीं सकेंगे.....

अगर हमे अपना स्वमान बचाए रखना है ओर समाज को किसी मुकाम पे ले जाना है तो हमे एक होना पड़ेगा हमारे इगो को सोडकर सके साथ चलना होगा ॥व्यक्ति विकास नहीं पर समाज के विकास की चिंता करनी पड़ेगी ओर उसके लिए अपनी जिंदगी का कीमती समय देना होगा...हर गीले सिकवे को भूलकर सबके सत्यह चलना होगस अगर आज हम एक नहीं हुए तो वो दिन दूर नहीं जब राजपूत सिर्फ इतिहास मै ही रहे जाएंगे....हमारा वजूद खतम हो जाएगा ...........

जय माताजी..................जय राजपूतना...................................
............................वीर ........................................................
Jay rajputana….
Bich ran me laherata hua ye rajputi shan ka dhwaj aaj pukar ke keh raha hai ki is desh ko fir se aaj rajputo ki jarurat padi hai….desh ki mitti pyasi hui hai or unki pyas bujane ke liye pani nahi par khoon ki jarurar hai or vo sirf rajput hi buja sakte hai..hamne desh or janta ki bhalai ke liye jo satta in gaddar netao ke hath me de di thi aaj fir se use apne hath me leni ki jarurat padi hai….itihas sakshi hai ki parsuram ne 21 bar kshatriyo se satta sinkar brahmano ko dedi thi or har bar is desh ki raksha ke liye rajputo ki utpati ki jarurat padi hai…aaj fir se vahi samay aa gaya hai…jinhe assa samajkar hamne satta or sampati sop di unhone desh ki janta ko lutne ke siva kuch nahi kiya…..aaj janta ki pukar hai……..

->Dekho ye laherata hua dhwaj……use jung ki ek pukar ki jarurat hai……

->Desh ke katalkhano me katati hue gau mata ki pukar suno…..

->Lutati,marti or pisati hui janta ki aavaj ……….

->Lutati hui laaj bachane ke liye desh ki beti o ki dardnak aavaj se hamara khoon kyo garam nahi ho raha hai….

->Rajniti ke bich me marta hua dharma pukar raha hai…..

...........Jay mataji...............Jay Rajputana................

जीत तब तक अधूरी है जब तक दुशमन को हुए नुकसान से दूसरों को सबक नहीं मिलता......

संजयलीला भंशाली ने समय का सही उपयोग किया है जिस दिन दीपिका गुजरात अनेवाली थी उसी दिन उसने लेखित मे दिया....????

सिर्फ जाती वाचक शब्द हटाने से लोगो के मींड़ कैसे चेंज होगे....लोगो फिल्म देखते होगे तब उनके मन मे तो एक ही विचार आयेगा की फिल्म की हीरोइन जो है वो एक राजपूत है ओर हीरो रबारी जो बैडमे हटा लिया है..........

उसमे हीरो हीरोइन ने पहने हुए कपड़े साफ बता ते है की वो कोनसी जाती का है...सब जानते है की आज से कुछ साल पहेले सिर्फ लोगो के पहेरवेश से उसकी जाती का पता लग जाता था जो की इस फिल्म मे है.........

गुजरात मे कच्छ का प्रदेश दिखाया है जिसे भी जो भी गलत है.......

फिल्म मे बहोत सी छीजे है ओर होती है जो बहोत कुछ कह जाती है सिर्फ दो शब्द हटेने से उसकी स्टोरी बदल नहीं जाती है.........

इससे तो ऊपर से फिल्म को ही फायदा मिलेगा ओर कल ओर भी लोग यही रास्ते पर चलेंगे पहेले हमारी मज़ाक उदयेणे फिर माफी मांग लेंगे.........

हमारा एक ही मक्षद होना चाहिए किसी भी हाल मै ये फिल्म गुजरात मै रिलीज़ नहीं होनी चाहिए......


कल गुजरात हाइ कोर्ट मे रामलीला पर पाबंदी लगाने की अराजी पर सुनवाई है ओर अगर मे गलत नहीं हु तो फैसला राजपूतो के खिलाफ ही होगा अब बात ये है की हमे क्या करना....मे ऐसे कानून जो सही फाइसल न ले सके ओर खामोश रहेनेवाली सरकार ओर ऐसी लोकशाही पर भरोसा नहीं करतहु ओर न ही करना चाहिए अब आमे अपनी आन के लिए लड़ना है ओर इसके लिए अगर कानून टूटता है तो टूटने दो ...लोकशाही का खून होता है तो होने दो लेकिन अपनी आन के लिए उठाए हथियार किसी भी हालत मे वापस नहीं रखने है....ओर हमारा तो यही धर्मा है की जब धर्मा पर, देश पर ,देश की जनता पर या अपनी आन की बात आती है तब कोई भी राजपूत किसी कानून या बंधन मे नहीं बंधा रहेता है.....कल के फाइसे ले के बाद हमे तय करना है की हमे क्या करना है...........

મોદીજી અને વૈચારિક વિકાસ..

હમણાં રથયાત્રા નિમિતે બંધોબસ્ત માં આવેલા આર્મી ના જવાનો નું અભૂતપૂર્વ સ્વાગત કરવામાં આવ્યું.. મારી જાણ મુજબ કદાચ લોકો માં પહેલા સૈન્ય પ્રત...