हिमालय की चोटी पर लहेरते हुए तिरंगे का गुरूर है भगवों....
ओर उसमे जलक रही बलिदानो की पहेचान है भगवों....
भारतीय संस्कृति का प्रतीक है भगवों....
धर्म धरा नि पहेचान से भगवों......
रण मेदाने राजपूतो की ललकार है भगवों.....
करे केशरिया धर्म-धरा काजे ,तब राजपूतो का कफन है भगवों.....
लाज रखने शान की,क्षत्रियानी का जौहर है भगवों....
.........................वीर...........................