Wednesday, February 9, 2011

तन्हाई / Tanhai 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
हम जलते रहेते है , लोग चलते रहेते है ,
महेफिलो में तन्हाई होती है महेसुस ,
भीड़ मई भी वीरानिया आती है नजर,
हम सबसे मिलते रहेते है ,पर
न जाने क्यों लोग क हमसे बिस्द्ते रहेते है,
 
हम जलते रहेते है , ओग चलते रहेते है,
मिल जाती है हमारी पद्छई हम मई,
जब हम छाव मई रहेते है ,
आते है धुप मई पद्छई हमारी ,
न जाने क्यों दिशाए बदलती रहेती है,
 
हम जलते रहेते है , लोग चलते रहेते है,
जब होने को पूरा ख्वाब हमारा  वक्त आता है,
न जाने क्यों आँख हमारी खुल जाती है,
पुराने ख्वाब  अधूरे है अभी तक जहा,
न जाने क्यों जिंदगी नए ख्वाब दिखाती रहेती है,
हम जलते रहेते है , लोग चलते रहेते है......

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