Saturday, December 20, 2014

भारत का भविष्य / Bharat Ka bhavishya












भारत के भविष्य को आज भीख मांगते हुए देखा,
उनकी लाचारी मे देश के आनेवाले कल को देखा,
शिक्षण के वो काबिल नहीं या काबिल शिक्षण से दूर हे वो,
सिस्टेम के इस हवन मे उन के बचपन को जलते हुए देखा,
सर्व शिक्षा अभियान जैसे चल रहे हे बहोत तमासे यहा,
उस तमसो मे लोगो का मनोरंजन बनते हुए देखा,
भारत के भविष्य को आज भीख मांगते हुए देखा,

हर बचपन पढ़ेगा ये बात सुनते है नेताओ से,
बड़ी स्कूल मे बड़े के बच्चो को प्रोस्तहित करते हुए नेताओ,
रास्ते मे उनकी गाड़ियो के आगे ठोकर खाते हुए देखा,
भारत के भविष्य को भीख मांगते हुए देखा,

बाल  मजदूरी के केश  करके  निकलते हुए अधिकारियो को,
होटल मे उस बचपन का मज़ाक उड़ते हुए देखा,
भारत के भविष्य को आज भीख मांगते हुए देखा,

जब भी देखते हे उनके चहर मे भविष्य इस देश का,
भारत के वीर को हारते हुए देखा ,
भारत के भविष्य को आज भीख मांगते हुए देखा,
उनके लाचार चहेरे माँ मैंने देश के कल को देखा.

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