आंधी अनशन की क्रांति लेकर आएगी,यही मीठे ख्वाबो मे फिर जनता सोएगी,न अन्न पर न उनकी नियत पर शक है ,पर क्या लोकपाल की हवा बाहर लेकर आएगी..??,कुछ अससा करने की ख्वाफिश मे बने है कई कानून यहा,पर कुछ समय बाद फिर से वही धमाल मचेगी,सतधारी लोग इस्तेमाल करते है कानून का,विरोध पक्ष की इस बात पर तो परीक्षा होगी कानून की,एनजीओ या काग या फिर सीबीआई सब पर शक है यहा,तो क्या लोकपाल इसमे से बकत रेह पाएगा,सदी हुई सिस्टम रूपी पेड़ पे कानून रूपी दवाई कब तक लगेंगे हम,पर क्या उस सिस्टम को उखाड़ फेंकने ओर नया पेड़ को न सादे उसके लिए कोई लड़ी होगी..।
(वीर)
(वीर)
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